भाग्य Vs कर्म Things To Know Before You Buy
भाग्य Vs कर्म Things To Know Before You Buy
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मन में अच्छा सोंच कर काम शुरू करो , जिससे काम में जोश रहे , दिमाग फ़ालतू सोंचने के बजाय काम पर फोकस हो सके
अपने किया हुए कर्मों का इन्साऌफ और इन्साफ उसी का होता है जब कुछ किया हो वरना किस चीज का इन्साफ कुछ नहीं करना भी तुम्हारा ही एक कर्म है जिसका असर भी तुम्हारे आने वाले समय पर पड़ता है। ज्योतिष भाग्य को समझते हुए और कर्मों के द्वारा उस भाग्य को निखारने का एक जरिया मात्र है।
श्री श्याम जी मनावत
न हि सुप्तस्य सिंहस्य प्रविशन्ति मुखे मृगाः ॥
कर्म अलौकिक प्रतीत हो सकता है, लेकिन यह एक सरल नियम का काम है। click here हम जो भी देते हैं, वही हमें प्राप्त होता है।
जिस तरह एक मूर्तिकार अपने हातो से मूर्तिको आकर देता है उसी तरह हम भी अपने कर्मो से अपना जीवन बदल सकते है.
ये मंजिलें तय करने के लिए उन्हें बहुत मेहनत और योजनाबद्ध तरीके से काम करना पड़ा
पूरे देश घूम – घूम कर जनसभाएं की
आज एक बालक निजी विद्यालय में पढ़ता हे और दूसरा शिक्षा से वंचित है ,क्या ये उस बालक का दुर्भाग्य नही?
« निर्भय सन्यासी स्वामी विवेकानंद की स्पष्टवादिता
जैसे भारत-पाकिस्तान में डील करवाई, ईरान-इजरायल के बीच भी होगी शांति: ट्रंप
आचार्य जी-तो फिर आप ज्योतिष सीख कर क्या करना चाहते हो?
भाग्य कुछ नहीं होता बस भविष्य होता है कर्म सोच और मेहनत का परिणाम है. अगर आप सही कर्म के सारे दाव पेंच अच्छे से निभा रहे है.
कर्म की मुख्य अवधारणा यह है कि सकारात्मक कार्य से सकारात्मक प्रतिक्रिया मिलती है और नकारात्मक कार्य का परिणाम नकारात्मक होता है। इन दोनों के बीच कारणिक संबंध व्यक्ति के स्वास्थ्य की स्थिति को शारीरिक, भावनात्मक और आध्यात्मिक दृष्टि से प्रतिदिन निर्धारित करता है।
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